- धारा १ संहिता का नाम और उसके प्रर्वतन का विस्तार
- धारा २ भारत के भीतर किए गये अपराधों का दण्ड
- धारा ३ भारत से परे किए गये किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड
- धारा ४ राज्य-क्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार
- धारा ५ कुछ विधियों पर इस आििनधयम द्वारा प्रभाव न डाला जाना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें